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Friday, 26 May 2017

---स्मृतियां

मैं अपने स्मृति पटल पर
सहेज लेती हूूं वो सारे पल

जो मैंने महसूस किये
जिंदगी में मुसाफिर बनकर
ये स्मृतियां बातें करती...
गुजरे हुए उन लम्हों की
जो कभी मुझे गुदगुदाती
स्मृतियों के झरोखे से
और कभी विस्मित! हो जाती
अपनी नादान सी बातों से
मेरे स्मृति पटल पर
स्मृतियों के सैलाब हैं ठहरे
जिन्हें सहेजती रहूंगी
मन की किताब में
मन आखर-आखर हो जाएगा।

कमला शर्मा 

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