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Wednesday, 7 June 2017

अलबेली बेला

 
मन के अंतस को छूतीं
बूंदों की ये शीतल बेला
गहरे तक छू जातीं ये
बूंदों की अलबेली बेला
गहरे से मन के अंतस में
गहरी सी एक राग सुनाती
प्रकृति ये तुम जैसी सच्ची
नेह की बारिश हमें बताती

कमला शर्मा 

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