बारिश की बूंदों में नहाई
ये उनींदी सी, अल्हड़ प्रकृति
नेह के आलिंगन में निखरा
प्रकृति का अल्हड़ सा यौवन
बादलों से अठखेली करके
बारिश का यूं नेह बरसाना
रिमझिम सी बूंदों का ये स्पर्श
अहसासों में भीगता...
प्रकृति का चंचल सा मन
उसका यूं लजाकर
आंखें मूंद लेना...
बारिश की बूंदों का
हौले से नेह गीत सुनाना
प्रेम में समर्पित प्रकृति का
ये निखरा सा यौवन
जैसे कोई नयी-नवेली सी दुल्हन
कमला शर्मा
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